वाराणसी। बीएचय के कोरोना अस्पताल के परिसर में युवक की लाश मिलने की घटना पर सर सुंदर लाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर एसके माथुर का कहना है कि एक सप्ताह पहले युवक को हेड इन्जरी की वजह से बीएचयू के ट्रॉमा सेन्टर लाया गया था जहां उसका होल्डिंग एरिया में इलाज किया जा रहा था। इस मरीज़ का कोविड टेस्ट पॉज़ीटिव आने पर इसे सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में भर्ती किया गया। जहां मरीज़ का हेड इन्जरी और कोविड का इलाज किया गया। मरीज़ की हालत में काफी सुधार भी हुआ।
22 अगस्त को मरीज़ ने दोपहर के आसपास खिड़की से अपने सगे संबंधियों से बात भी की थी। चिकित्सकों की योजना थी कि मरीज़ की हालत बेहतर होने व रिपोर्ट नेगेटिव आने पर इसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाए।
इसी दौरान दोपहर दो बजे के आसपास मरीज़ अचानक वॉर्ड से लापता हो गया। इसके बाद अस्पताल कर्मियों व सुरक्षा कर्मियों ने विभिन्न जगहों पर मरीज़ की खोजबीन की। इमारत के विभिन्न हिस्सों में, हर जगह पर मरीज़ को ढूंढा गया। इस बीच पुलिस को भी तत्काल सूचित किया गया। पूरी इमारत में गहन खोजबीन के दौरान सीसीटीवी फुटेज में मरीज़ के किसी एक स्थान पर जाने का शक होने पर अस्पताल के बाहर की तरफ पाइप की डक्ट की ओर खोजने की कोशिश की गई। प्रोफेसर एसके माथुर ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि मरीज़ ने दूसरे तल से पाइप के सहारे नीचे उतरने की कोशिश की और पाइप टूटने से मरीज़ नीचे गिर गया। नीचे मरीज़ का शव प्राप्त हुआ, जिसके बाद तत्काल अस्पताल स्टाफ व सुरक्षा कर्मियों ने शव को मॉर्चरी पंहुचाया गया।
बता दें कि मृतक युवक अजय के परिवार के लोगों का कहना है कि उसने शनिवार को बिल्डिंग की खिड़की से अपनी मां से बात की थी और कहा था कि मुझे यहां से निकालो। इसका वीडियो सोमवार को वायरल हुआ। परिजनों का आरोप है कि रविवार सुबह 10 बजे वे अस्पताल गए तो बताया गया कि अजय कहीं चला गया है। गार्ड से पूछा कि ऐसे कैसे कोई मरीज चला जाएगा तो उसने भगा दिया और सुरक्षाकर्मियों ने उनसे अभद्रता भी की।