वाराणसी। शहरी कलेक्ट्रेट में प्रवेश करने वाले अधिवक्ता या फरियादी वाराणसी के लोकप्रिय पूर्व जिलाधिकारी प्रांजल यादव को जरूर याद कर रहे हैं इसका कारण, कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ी चार पहिया वाहन व दोपहिया वाहन हैं। हम बात कर रहे हैं कचहरी कलेक्ट्रेट की जहां पहले की व्यवस्था के तहत राइफल क्लब के कुछ दूर पहले ही बैरिकेड पर खड़े सुरक्षाकर्मी किसी भी वाहन को अंदर नहीं जाने देते थे। यहां तक कि अधिकारियों की गाड़ियां भी इस बैरिकेड के बाहर ही खड़ी होती थी और अधिकारी अपने वाहन से उतरकर पैदल ही अंदर अपने कार्यालय तक जाते थे। इन दिनों कलेक्ट्रेट परिसर की स्थितियां विपरीत नजर आ रही हैं। बे-रोकटोक चार पहिया वाहन व दोपहिया वाहन अधिवक्ताओं की चौकियों के सामने खड़ी हो रही हैं या फिर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने भी वाहन खड़े नजर आते हैं। ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है कि बेरोक टोक खड़ी हो रहे इन वाहनों के चलते कहीं कोई अप्रिय घटना या सुरक्षा में सेंध न लग जाए।
इस संबंध में अधिवक्ता वरुण सिंह ने बताया कि ठीक मेरी चौकी के बगल में पहले बम विस्फोट की घटना घट चुकी है। उसके बाद वाराणसी में जिला अधिकारी के पद पर रहे प्रांजल यादव ने एक अच्छी व्यवस्था बनाई थी और स्वयं अपनी गाड़ी प्रवेश द्वार से घुसते ही बैरीकेट पर खड़ी करके पैदल आते थे। अन्य वाहनों का भी प्रवेश पूरी तरह अंदर के लिए वर्जित था। हमारी मांग है जिलाधिकारी से कि ऐसे मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल अच्छी सुरक्षा व्यवस्था लागू करें। वहीं अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने बताया कि जिस तरह से संवेदनशील क्षेत्र में गाड़ियां फिर से प्रवेश कर रही हैं निश्चित तौर पर कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है। साथ ही यह भी बताया कि पार्किंग की उचित व्यवस्था ना होने के कारण ऐसी समस्याएं देखी जा रही है। अधिवक्ता प्रेम कुमार ने भी इस मामले में विस्तार से जानकारी दी। वहीं जब इस संबंध में एडीएम सिटी गुलाब चंद से फोन पर जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि जब से मैं यहां आए हूं तब से यही व्यवस्था नजर आ रही है। अभी तक वाहनों को प्रवेश से रोके जाने के संदर्भ में मेरे पास कोई आदेश या निर्देश नहीं प्राप्त हुआ है और ना ही कोई शिकायत आई है। अगर पहले इस संदर्भ में कोई आदेश आया था तो उसके बारे में पता किया जाएगा और कचहरी की सुरक्षा के लिये जो भी कदम उठाने होंगे प्रशासन की ओर से उठाया जाएगा।