वाराणसी। कोरोना काल में लगातार धर्म की नगरी काशी में परम्पराओं पर विराम लगाया जा रहा है। इसी क्रम में बुधवार की शाम शहर के कज़्ज़ाकपुरा से उठने वाली प्रसिद्द लाट भैरव की बारत स्थागित रही। बिना बारातियों के ही बाबा लाटभैरव का विवाह संपन्न हुआ। कोरोना महामारी के कारण बाबा का विवाह बेहद सादगी से हुआ। विवाह की सभी रस्मों को कोविड-19 के मानकों के अनुसार निभाया गया। शाम को बाबा श्री लाट भैरव के रजत मुखौटे को विग्रह पर स्थापित कर नवीन वस्त्र, मुंडमाला, चांदी के आभूषण धारण कराए गए और आकर्षक ढंग से उनका शृंगार किया गया। इसके बाद आचार्यों के निर्देशन मे पूजन प्रारंभ हुआ।
कोरोना काल में बाबा लाट भैरव की हज़ारा से विशेष आरती की गयी। इस दौरान बाबा से कोरोना से मुक्ति की कामना की गई, जिससे आगामी वर्षों मे पुन: हर्षोल्लास वातावरण में हम सारे पर्व मनाते रहे। कोरोना प्रोटोकॉल के चलते दर्शनार्थीयों को बाहर से ही बाबा का दर्शन प्राप्त हुआ। मंदिर परिसर में जाने पर रोक लगा दी गई थी। इसके अलावा अगले दिन होने वाले भंडारे के कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया गया। मंदिर प्रांगण मे बाबा लाट भैरव के साथ ही अष्ट भैरव और माता काली का भी शृंगार किया गया।