वाराणसी। लॉकडाउन क चलते सभी स्कूल बंद होने के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे प्राइवेट शिक्षकों ने बुधवार को वाराणसी के प्रधानमंत्री जनसंपर्क कार्यालय पर ज्ञापन देते हुए सरकार को अवगत कराया कि लॉकडाउन के कारण प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों के समक्ष पिछले 6 महीने से रोजी रोटी की गंभीर संकट आ गई है और प्रधानमंत्री मोदी के नाम अपनी 4 सूत्रीय मांग का ज्ञापन पीएमओ कार्यालय में सौंपा।पीएमओ ऑफिस ज्ञापन देने आये प्राइवेट स्कूल के शिक्षक कुलदीप सिंह ने बताया कि लॉकडाउन लगे 6 महीने हो चुके हैं और सरकार ने ये आदेश भी दिया था कि प्राइवेट स्कूल अभिभावकों को फीस के लिए दबाव नहीं डाल सकते, लेकिन स्कूल फीस नहीं लेगी तो शिक्षकों को, बस ड्राइवरों को और अन्य कर्मचारियों को सैलरी कहां से देगी। शिक्षकों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार हम शिक्षकों को राहत पैकेज नहीं दे सकते तो वह स्कूलों से इन 6 महीनों का बिजली का बिल, टैक्स भी न लें। सरकार प्राइवेट स्कूलों से सब ले रही है पर स्कूलों की आर्थिक गतिविधियां ठप्प करा दी है। इसलिए सरकार की ये जिम्मेदारी है कि वह हमे आर्थिक राहत पैकेज उपलब्ध कराये। शिक्षकों ने कहा कि हम आज पीएओ ऑफिस में अपनी 4 सूत्रीय मांग का ज्ञापन लेकर आये हैं। हमारी मांग है कि प्राईवेट शिक्षकों के कल्याण के लिए एक बोर्ड का गठन किया जाए। जब तक स्कूलों को खोलने का आदेश नहीं आ जाता तब तक शिक्षकों को कम से कम 20 हजार रुपये प्रतिमाह मासिक भत्ते की व्यवस्था की जाए। शिक्षकों की मांग है कि प्राइवेट शिक्षण संस्थान और उनके कर्मचारियों के बिजली का बिल, घऱ का किराया, सभी प्रकार के टैक्स औऱ कर्ज माफ किया जाए औऱ प्रधानमंत्री मोदी के अगले वाराणसी दौरे पर शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात करायी जाए। शिक्षकों ने कहा कि यदि हमारी यह मांगे पूरी नहीं हुई तो आने वाले 5 सितंबर शिक्षक दिवस पर हम सभी शिक्षक आदोंलन को बाध्य होंगे।