वाराणसी।भगवती लक्ष्मी की विशेष पूजा से धन- संपत्ति, वैभव, ऐश्वर्य एवं संतान प्राप्ति के लिए किया जाने वाला 16 दिवसीय सोरहिया व्रत अनुष्ठान 26 अगस्त से आरंभ हो रहा है। व्रत की पूर्णाहुति 10 सितम्बर को ज्यूतिया पूजन के साथ होगी। इस अवसर पर लक्सा के लक्ष्मी कुंड स्थित मंदिर परिक्षेत्र में इन 16 दिनों तक विशाल मेला लगाया जाता है। काशी में इस पर्व को सोरहिया मेला के नाम से जाना जाता है। भद्रपक्ष में शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर अश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तक चलने वाले इस व्रत में 16 की संख्या का विशेष महत्व है। व्रत करने वाले को चाहिए कि ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद 16 बार 16 अंजलि जल से मुख और हाथ धोये। इसके उपरांत देवी लक्ष्मी प्रतिमा के सामने व्रत का संकल्प लें । देवी का 16 बार परिक्रमा करके देवी को 16 गांठ वाला पीला धागा तैयार करें। प्रत्येक गांठ बांधते समय “लक्ष्मी नमः” मंत्र का जाप करें। देवी के विग्रह अथवा चित्र के आगे आटे का 16 दीपक जलाकर 16 दूर्वा, 16 अक्षत अर्पित करें। इस बार 25 अगस्त को दिन में 12:22 से आरंभ होगा। 26 अगस्त को प्रातः 10:40 पर अष्टमी रहेगी। उदया तिथि में अष्टमी 26 अगस्त को मिलने के कारण देवी लक्ष्मी की आराधना का पर्व प्रारंभ होगा।