वाराणसी। भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का पैतृक आवास शहर के हड़हासराय स्थित भीखाशाह लेन में हैं। इस मकान में के सबसे ऊपर बने कमरे में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां फज़्र की नमाज़ के बाद रियाज़ करते थे। यह कमरा आज भी भारत की महत्वपूर्ण धरोहर है पर अब इस धरोहर को 12 अगस्त की रात से क्षेत्र के एक बिल्डर द्वारा कमर्शियल बिल्डिंग बनाये जाने एक लिए तोड़ा जा रहा है।
इसपर उस्ताद के सबसे छोटे बेटे नाज़िम हुसैन और उनकी गोद ली हुई बेटी और प्रसिद्द शास्त्रीय संगीत गायिका सोमा घोष ने अपना विरोध दर्ज कराया है। सोमा घोष ने इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा से बात करने की भी बता कही है।
शहनाई सम्राट भरता रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की पुण्यतिथि आगामी 22 अगस्त को है। उसके पहले उनके चाहने वालों के लिए धक्के वाली खबर शहर बनरसा में चर्चा का विषय बनी हुई है। उस्ताद का घर इन दिनों उनके घर के ही कुछ लोग रिकंस्ट्रक्शन के परपज़ से एक बिल्डर से तोड़वा रहे हैं पर इस रिकंस्ट्रक्शन के नाम पर परिजनों ने उस्ताद के उस कमरे को सबसे पहले धराशाई करना शुरू कर दिया है जिसमे वो रियाज़ करते थे और रहते थे।
इस बात का उस्ताद के सबसे छोटे बेटे नाज़िम हुसैन ने विरोध दर्ज कराया है। नाज़िम ने Live VNS को बताया कि अब्बा हुज़ूर इस कमरे में अपने आखरी वक्त तक रहे और यहीं जब तक वो अलील नहीं हुए शहनाई का रियाज़ किया आज कुछ लोग पैसों की लालच में इस कमर्शियल बिल्डिंग बनाने के लिए बिल्डर के हाथों बेच दिया है जो कि गलत है। हमने इसका विरोध किया पर बिल्डर ने 12-13 अगस्त की रात में अब्बा हुज़ूर का कमरा तोड़ दिया। इस सम्बन्ध में हमने जब उस्ताद की बेटी सोमा घोष से बात की तो उन्होंने बताया कि उस्ताद ने इसी कमरे में अपनी संगीत की तपस्या की थी और अमेरिका के प्रेजिडेंट का अमेरिका बसने का निमंत्रण सिर्फ एक कमरे में रखी चारपाई पर आने वाली सुकून की नींद के लिए ठुकराया था। उस कमरे को तोड़ना कहीं से सही नहीं है। इस धरोहर के आस पास के हिस्से को हम रेनोवेट करवा सकते हैं पर उस कमरे को तोड़ना बहुत गलत।
डॉ सोमा घोष ने कहा कि इस कमरे को बचाने के लिए वो आज ही जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा से बात करेंगी ताकि इस कमरे को बचाया जा सके।