वाराणसी। लॉकडाउन के बाद से ही पूरे देश में शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है। ऐसे में ऑनलाइन एजुकेशन का दौर शुरू हुआ पर प्राथमिक विद्यालयों और जूनियर हाईस्कूलन में पढ़ने वाले गरीब तबके को इस ऑनलाइन एजुकेशन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा गरीब बच्चों के पोषण के लिए बाटने वाला मिड डे मील भी बाधित था। इसको ध्यान में रखते हुए और शासन के निर्देश के क्रम में वाराणसी में अब प्राथमिक स्कूलों से 76 दिन का खाद्यान्न छात्रों को दिया जा रहा है इसके अलावा उसकी कन्वर्ज़न कॉस्ट भी उनके खाते में डाली जा रही है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने बताया कि लाकडाउन में पढ़ा एकदम रुकी हुई थी। ऐसे में छात्रों के भविष्य को देखते हुए ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम हमने शुरू कराया। इसमें हमारे 30 से 40 प्रतिशत छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इसके आलावा 60 प्रतिशत छात्र जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है उनके लिए हम प्लग इन ऑनलाइन क्लास के साथ ही साथ वॉइस काल और मैसेज से पढ़ाई करवा रहे हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष की शत प्रतिशत किताबें और सभी छात्रों को बांट दी गयी है क्योंकि शासन द्वारा सभी को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया गया है। इसके अलावा सभी स्टूडेंट्स को उनका ड्रेस भी घर घर पहुंचाया जा रहा है। राकेश सिंह ने बताया कि इसके अलावा हम लोग प्रति अध्यापक 10 ऐसे छात्रों को सेलेक्ट कर के अध्यापकों को दिया जा रहा है जो पढ़ाई में कमज़ोर हैं। इनका सितम्बर में जनपद स्तर का एक एग्जाम होगा। इस सुविधा में एक लाख बच्चों को अलग से पढ़ाया जाएगा।