वहीं एक बहन ने कोरोना योद्धाओं को प्रतीक मान बाँधी राखी।
वाराणसी में बहनों ने अपने भाई को इस बार राखी बांध संकल्प लिया की देश सेवा सर्वोपरि है इसलिए एक बच्ची प्रियांशी ने अपने भाई को कोरोना योध्दा का स्वरूप मान राखी बांधी उसने बताया कि कोरोना जैसी महामारी में राष्ट्र सेवा सर्वोपरि है ,देश सुरक्षित है तो हम भी सुरक्षित हैं मेरे सभी कोरोना योध्दा भाईयों को जिसमें मुख्य रूप से स्वास्थ्य कर्मचारी, पुलिस कर्मी, सफाई कर्मी,और कोरोना जैसी महामारी से लड़ने वाले सभी भाईयों को ईश्वर दीर्घायु रखे ताकि इस आपदा में मेरे सभी भाई देश सेवा कर राष्ट्र की रक्षा कर सकें । वहीं लाकडाउन ने कई बहनों को रोका तो कुछ को खुश होने का अवसर प्रदान किया क्योंकि आज जहाँ भगतुआँ निवासी बहन पंकज उपाध्याय ने बताया की लाकडाउन के चलते मुझे ये अवसर प्राप्त हुआ की सन् 1993 में शादी के बाद से ही मुम्बई चले जाने के बाद आज 27वषों बाद भाई की कलाई पर राखी बांधने का अवसर मिला तो कुछ बहनों को आनलाक 3 में सार्वजनिक दूरी की पाबंदी और बढतें कोरोना के डर ने घर में ही रोका तो कुछ बहनों को साधन के अभाव ने रोका लेकिन सभी बहनों ने कहा की कोई बात नहीं राखी हर साल आती है देश सुरक्षित है तो त्यौहार तो आते ही रहेंगे लेकिन कोरोना जैसी महामारी से देश को जल्द ही मुक्ति मिले ईश्वर से यहीं प्रार्थना करती हूँ कि हमारा भारत स्वस्थ व कोरोना मुक्त हो।