वाराणसी। कबीरचौरा मठ मूलगादी के 23वें आचार्य गंगा शरण शास्त्री का सोमवार को निधन हो गया। उनके निधन के समाचार से कबीर पंथियों में शोक की लहर है। मंगलवार को उन्हें मदरवा कबीर आश्रम में विधि विधान से समाधि दी गयी। बता दें कि साल 1999 में संत विवेकदास को कबीरचौरा मठ की पीठाधीश्वरी देने के बाद गंगा शरण शास्त्री गंगा तट पर स्थित मदरवा आश्रम में ही रहते थे।
वाराणसी में जीवन समर्पित करने वाले गंगा शरण कबीर मठ मूलगादी (कवीरचौरा) के शास्त्री कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे 23 वें आचार्य संत गंगा शरण शास्त्री का सोमवार को 90 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया। उनके निधन की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में कवीरपंथियों ने मदरवा आश्रम में पहुंच श्रद्धासुमन अर्पित किए।
शिष्य संत अनिल दास ने बताया कि कबीरचौरा मठ के पूर्व और 23 वें आचार्य संत गंगा शरण शास्त्री ने का निधन हुआ है। उन्होंने साल 1999 में ही मठ का उत्तराधिकार संत विवेक दास को सौंप दी थी और स्वयं यहाँ आकर एकांतवास कर रहे थें।