प्रेगनेंसी में महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर होती है
अलीगढ़, 07 दिसंबर
कोविड-19 का संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है, ऐसे में गर्भवती महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं । इस कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और इस दौरान उन्हें कोई भी संक्रमण या फ्लू आसानी से हो सकता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भानु प्रताप सिंह ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को हर माह की नौ तारीख को समस्त स्वास्थ्य केंद्रों पर लगने वाले मातृ सुरक्षा अभियान में जाकर अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहिए। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था में कोविड-19 के संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।
कोरोनाकाल में गर्भवती महिलाओं की चिंता बढ़ गई है, उन्हें डर है कि उन्हें कोविड-19 का संक्रमण न हो जाए। उनके साथ ही उनका बच्चा भी संक्रमित न हो जाए। इस पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी डॉ. एसपी सिंह का कहना है कि अभी इस बात को लेकर कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है, कि गर्भवती महिलाओं में आम लोगों के मुकाबले कोरोनावायरस होने का खतरा ज्यादा है या नहीं ।
महिला चिकित्सालय अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षका डॉ रेनू शर्मा ने बताया जिला महिला चिकित्सालय अस्पताल में हर माह की 9 तारीख को मातृ सुरक्षा अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की जांच भी की जाती है और पहली गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करके पीएमएमवीवाई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजनाओं का लाभ गर्भवती महिलाओं को दिलाया जाता है ।
उन्होंने बताया कि सबसे पहले ग्रभवती महिलाओं को अपने खाने-पीने पर ध्यान देने की जरूरत है। वे अपने खाने में में हरी सब्जियां, दूध, फल और दाल जैसी चीजें शामिल करें। अच्छे से अच्छा खाएं और स्वस्थ रहें।
कोरोना से ऐसे बचें:
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कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए गर्भवती को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। खांसी के दौरान अपने मुंह को ढक कर रखें, टिशू ना होने पर खांसी के समय अपने हाथ की बाजू से मुंह ढके बीमार लोगों से बिल्कुल भी ना मिले भीड़ वाली जगहों पर ना जाएं ।
एक्सरसाइज:
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दिन में कम से कम 30 मिनट होगा जरूर करें इसके साथ वे हल्की-फुल्की एक्सरसाइज भी कर सकती हैं । ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं हर दिन कम से कम 7 से 8 गिलास पानी जरूर पिएं ताकि आपका शरीर हाइड्रेट रहे बेहतर है । कि अगर गर्भवती महिलाएं पानी को उबालकर पिए अपने डेली रूटीन का खास ध्यान रखें समय पर सोएं और समय पर उठे कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें.
मानसिक रोग विभाग की साइकोथैरेपिस्ट डॉक्टर अंशु एस सोम ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान महिलाएं बहुत सारे मानसिक और भावनात्मक उतार-चढ़ाव से गुजरती हैं । लेकिन इस वक्त हमें मानसिक रूप से बहुत अधिक मजबूत होने की जरूरत है । क्योंकि एक मां की सेहत के साथ ही उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर उनके मनोभावों का बहुत अधिक असर होता है मैं हर प्रेग्नेंट महिला से बार-बार कहना चाहती हूं परिवार के दूसरे सदस्य गर्भवती महिला को मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत करने में मदद करें ना कि बार-बार बहुत सारी बीमारियों के नाम या कोरोना से जुड़े लक्षणों के बारे में बार-बार बोलकर हतोत्साहित न करें ।