बेटे के सहयोग से परिवार नियोजन को मिलेगा बढ़ावा
परिवार नियोजन साधनों के बारे में मिलेगी जानकारी : सीएमओ
अलीगढ़, परिवार नियोजन की सेवाएं को और बेहतर बनाने के लिए सोमवार से जनपद स्तर पर सास, बेटा-बहू सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। जिसमें मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के अंतर्गत समस्त जनपदों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर आशाओं के माध्यम से सांस बेटा-बहू सम्मेलन का आयोजन किया जाना है। जिसका उद्देश्य सास बेटा और बहू के माध्यम से समन्वय और संवाद को उनके पारस्परिक अनुभावों के आधार पर रुचिकर खेलों और गतिविधियों के माध्यम से बेहतर किया जा सके। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नीरज त्यागी का।
सीएमओ डॉ नीरज त्यागी ने कहा सभी आशाओं को आगामी सास बेटा-बहू सम्मेलन पखवाड़े के समुचित क्रियान्वयन हेतु दिशा निर्देश दिए जाएंगे। यह सभी गतिविधियां 20 जून से 02 जुलाई तक पूर्ण की जानी है। सम्मेलन में प्रति एक आशा को 14 से 16 प्रतिभागियों के साथ सांस बेटा बहू सम्मेलन में प्रतिभाग करेगी।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नोडल परिवार कल्याण के डॉ. राहुल शर्मा ने बताया कि सास बेटा बहू सम्मेलन में प्रतिभागियों का आपस में परिचय, गुब्बारा खेल के जरिए छोटे परिवार का महत्व, परिवार नियोजन में स्थाई साधनों की जानकारी, परिवार नियोजन के लिए बास्केट ऑफ च्वाइस के आधार पर अस्थाई साधनों के बारे में जानकारी, प्रसव पश्चात परिवार नियोजन साधन, गर्भ समापन के बाद परिवार नियोजन साधन की जानकारी, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, शगुन किट वितरण तथा पुरस्कार वितरण आदि कार्यक्रम होंगे।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक एमपी सिंह ने बताया कि सास बेटा-बहू सम्मेलन का आयोजन उप केन्द्र स्तर पर आयोजित होगा। प्रत्येक उपकेन्द्र के अंतर्गत 10-20 आशा कार्यकर्ता होती हैं। सम्मेलन दो-तीन आशा कार्यकर्ताओं के कार्य क्षेत्र को मिला कर एक स्थान पर आयोजित होगा। सम्मेलन की तैयारी ए.एन.एम. और आशा कार्यकर्ता के संयुक्त प्रयास से प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन में की जाएगी। सम्मेलन में कम्युनिटी हेल्थ आफिसर द्वारा भी पूरा सहयोग दिया जाएगा।
वरिष्ठ परिवार नियोजन विशेषज्ञ महरोज तस्लीम सिद्दीकी ने बताया सम्मेलन का उद्देश्य सास बेटा बहू के बीच संबंध, समन्वय और संवाद के जरिए बेटे के सहयोग से परिवार नियोजन को लेकर बेहतर माहौल कायम किया जाना है। इससे वह प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति अपनी अवधारणाओं, व्यवहार एवं विश्वास में बदलाव ला सकें। ऐसा देखने में आता है कि परिवार में अधिकतर निर्णय में पुरुष की सहमति सर्वोपरि होती है। इसलिए सास-बहू सम्मेलन के दौरान पुरुष सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए बेटे का प्रतिभाग किया जाना आवश्यक है।
यह होंगे सम्मेलन के प्रतिभागी :
एक वर्ष के भीतर विवाहित दंपति, एक वर्ष के अंदर उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिला, ऐसे दंपति जिन्होंने परिवार नियोजन का कोई साधन नहीं अपनाया, ऐसे दंपति जिनके तीन या तीन से अधिक बच्चे हैं, ऐसे आदर्श दंपति जिनके विवाह से दो वर्ष बाद बच्चा हुआ हो, ऐसे दंपति जिनके पहले बच्चे और दूसरे बच्चे के जन्म के बीच कम से कम तीन साल का अंतराल हो और ऐसे दंपति जिन्होंने दो बच्चे के बाद स्थाई साधन अपनाया हो।