पेट के कीड़े खत्म करने के लिए एल्बेंडाजोल टेबलेट जरूरी : सीएमओ
-राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के अंतर्गत 11 व 12 मार्च को 1 साल से 19 वर्ष तक के बच्चों को खिलाई जाएगी पेट के कीड़े मारने की दवा
अलीगढ़, 10 मार्च 2022।
जिले में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी) कार्यक्रम के अंतर्गत के 11 व 12 मार्च को एक से 19 वर्ष तक के बच्चों को पेट के कीड़े निकालने के लिए एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी। यह कहना है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी का।
सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी ने कहा कि एक से 19 वर्ष आयु वालों को एल्बेंडाजोल गोली जिले के 2,554 सरकारी स्कूलों, 1,781 निजी विद्यालयों व 3,023 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से खिलाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि एल्बेंडाजोल के सेवन से कृमि संक्रमण से बचाव होता है। यह दवा पूर्ण सुरक्षित है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। ध्यान रखें यह दवा खाली पेट दवा नहीं खानी है। बच्चों के पेट में कीड़े होने पर शरीर में खून की कमी हो जाती है और शरीर कुपोषण कुपोषित हो सकता है। इसलिए संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास भी नहीं हो पाता है।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. बीके राजपूत ने बताय कि ज्यादा छोटे बच्चों को टेबलेट चूरा कर पानी के साथ खिलाया जाएगा। बड़े बच्चों को भी दवा चबा चबाकर ही खानी है। उन्होंने कहा कि बच्चे को किसी कोविड-19 से ग्रसित व्यक्ति से संपर्क तो नहीं हुआ है, यदि अगर ऐसा है तो यह सुनिश्चित करें कि ऐसे बच्चे को कृमि मुक्ति की दवा नहीं खिलाई जाएगी। यदि किसी भी तरह उल्टी या मिचली महसूस होती है तो घबराने की जरूरत नहीं। पेट में कीड़े ज्यादा होने पर दवा खाने के बाद सरदर्द, उल्टी, मिचली, थकान होना या चक्कर आना महसूस होना एक सामान्य प्रक्रिया है। दवा खाने के थोड़ी देर बाद सब सही हो जाता है। इसके अलावा फिर भी किसी अन्य तरह की बड़ी परेशानी हो तो मुफ्त एंबुलेंस सेवा के टोल फ्री नंबर 108 से मदद ले सकते हैं।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक एमपी सिंह ने बताया कि एक से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए जिले में करीब 17 लाख बच्चों को एल्बेंडाजोल खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। यह अभियान 20 मार्च तक चलेगा। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग समेत आईसीडीएस और शिक्षा विभाग का भी सहयोग रहेगा। उन्होंने कहा कि यह गोली पूरी तरह से सुरक्षित है, किसी भी भ्रम में पड़ने की आवश्यकता नहीं है।
जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक कमलेश कुमार चौरसिया ने बताया कि 3,225 आशा व 3040 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व फ्रंट लाइन वर्करों की मदद से एक वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा घर-घर जाकर खिलाई जाएंगी। उन्होंने कहा किसी भी अभिभावक को यह टेबलेट रखने या बाद में खिलाने के लिए नहीं देनी है। यह दवा आशा व आगंनबाड़ी के सामने ही बच्चों को खिलानी है।
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कृमि संक्रमण के लक्षण:
-बच्चों के शरीर में खून की कमी हो जाना।
-बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी हो जाती है।
-थकान महसूस करते रहना।
-इससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित हो जाता है।
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कृमि संक्रमण से बचाव के उपाय:
-घरों के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें।
-नाखून साफ और छोटे रखें।
-साफ और स्वच्छ पानी ही पियें।