वाराणसी। जिला प्रशासन द्वारा मैदागिन स्थित मेडविन अस्पताल को कोरोना लेवल 2 एवं लेवल 3 उपचार के लिए आरक्षित किया गया है, पर अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों और उनके परिजनों द्वारा अस्पताल प्रशासन पर लगातार कोरोना के इलाज की आड़ में धन उगाही का आरोप लगाया जा रहा है। इसी संबंध में पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन के सदस्यों ने मंगलवार को कमिश्नर से मिलकर अधिकारी से पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए अस्पताल परिसर में सीसीटीवी फुटेज के द्वारा निगरानी और जांच की मांग की है। कमिश्नर से मिलने पहुंचे पूर्व कोविड मरीज आनंद कुमार मिश्रा ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए बताया कि मैं 22 जुलाई को कोविड पॉजिटिव होने के बाद मेडविन अस्पताल में भर्ती होने गया था, पहले तो मुझे एंबुलेंस में 2 घंटे तक बैठाए रखा गया और फिर वहां डॉक्टर ने कहा कि पहले 3 लाख रुपये जमा करिए तभी मरीज को एडमिट किया जाएगा। पूर्व कोविड मरीज आनंद कुमार मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि काफी समझाने और बोलने पर भी डॉक्टर नहीं माने तो रात 10:30 बजे मेरे बड़े बेटे ने अमेरिका से 2 लाख रुपये ट्रांसफर किया। तब जाकर मुझे एडमिट किया गया। उन्होंने बताया कि मुझे प्राइवेट वार्ड बोलकर जनरल वार्ड में एडमिट कर दिया गया। फिर काफी कहने पर मुझे 25 जुलाई को प्राइवेट वार्ड में एडमिट किया गया। आनंद कुमार मिश्रा ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि 25 जुलाई से 31 जुलाई तक प्राइवेट वार्ड में मुझे एक दिन भी कोई डॉक्टर देखने नहीं आया, ना ही मेरी कोई जांच की गई। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल प्रशासन पैसे उगाहने के चक्कर में मुझे डिस्चार्ज भी नहीं कर रही थी और ना ही डिस्चार्ज होने के बाद मुझे कोई बिल दिया गया। पूर्व कोविड मरीज आनंद कुमार मिश्रा ने बताया कि जब पूरे मामले की पर मैंने 16 अगस्त को विधायक अजय राय से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात की और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया तो अस्पताल प्रशासन ने 21 अगस्त को मुझे 2 लाख तीन सौ तिरसठ रुपये का बिल मुझे दिया। आनंद कुमार मिश्र ने कहा कि हमलोगों ने कमिश्नर से आज इसकी शिकायत की है, और आगे इसकी शिकायत के लिये अदालत में जनहित याचिका दायर करुंगा, ताकि अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो।