वाराणसी। भैंसासुर घाट पर रविवार दोपहर एक 60 वर्षीय माहिला गौरा देवी निवासी गाँव कोनिया, जिला चंदौली गंगा नदी में नहाते समय गहराई का अंदाज ने मिलने से अचानक गहरे पानी में उतर गयीं और डूबने लगी। डूबती हुई वृद्धा की चीख-पुकार सुनकर घाट पर दैनिक प्रशिक्षण के लिए तैनात एनडीआरएफ़ की टीम ने बिना वक्त गवाए महिला की जान बचाई। एनडीआरएफ के सहायक उपनिरीक्षक दिनेश चन्द्र दुबे ने बताया कि अचानक महिला की चीख पुकार सुन वह और उनके साथ के हवलदार पवन कुमार और कांस्टेबल मनोज कुमार बिना समय गंवाए घटनास्थल पर पहुंचे। महिला को डूबते देख एनडीआरएफ़ के सहायक उपनिरीक्षक दिनेश चन्द्र दुबे ने महिला की तरफ नदी में एक रस्सी फेंक दी और उसे पकड़कर तैरने के लिए कहा। आनन-फानन में अपनी ओर रस्सी के सिरे को देखकर महिला ने उसे पकड़ लिया और एनडीआरएफ़ के रेस्कुएर्स ने उसे नदी से बाहर की ओर खींचकर निकाला। बाहर निकालने के बाद महिला को आवश्यक प्राथमिक उपचार देने के बाद उसे स्थानीय पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया, जिससे महिला को अग्रिम उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया जा सके। एनडीआरएफ़ रेस्कुअर्स की त्वरित कार्यवाही और दिए गए उपचार की वजह से महिला की जान को बचाया जा सका जिसकी स्थानीय लोगों और जिला प्रशासन ने काफी सराहना की और पीड़ित महिला ने एनडीआरएफ़ का ह्रदय से आभार व्यक्त किया।