11 जून
आज ही के दिन देश के महान क्रांतिकारी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल जी का जन्म हुआ था मेरा भारत देश गुलामीयों की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। और इन्ही जंजीरो को अपना आभूषण अपना श्रृंगार मानते हुए ये महान क्रांतिकारी भारत माता की अर्चना करते थे। और इतना मजबूत आत्मबल और हौसला शायद मैं अपने शब्दो मैं ना बता पाऊ। और जो लोहे की जंजीरे उनके पूरे शरीर पर पड़ी रहती थी वो कुंटलो भारी होती थी और वो महान लोग कहा करते थे । *हे मेरी माँ, बेड़ी बजा बजा कर तेरा भजन करूंगा हे मेरी मात्र भूमि सेवा तेरी करूँगा*। जरा सोचिए उस ऊर्जा को हम तो बस महसूस करकर इतनी ऊर्जा महसूस कर रहे है। वो तो इस ऊर्जा के क्रिएटर थे वो क्या ही लोग होंगे । इसिलए मेने कहा मेरे शब्द उस ऊर्जा को नही बता सकते। असम्भव है, इन महान क्रांतिकारियों ने ऐसे ही इतिहास नही लिख दिया कुछ भी नही होते हुए केवल अपने हौसले ओर जुनून से भारत पर सर्वस्त्र न्योछावर हो गए मतलब पूर्ण आहुति। ज़रा सोचिए इनसे बड़ा अवतार कौन होगा, इनसे बड़ा मार्गदर्शक कौन होगा , इनसे बड़ा अभिनेता कौन होगा, इनसे बड़ा आइडल कौन होगा। जो अपना पूरा जीवन अपनी पूरी शक्ति भारत माता के और अपने आने वाली पीढ़ी के नाम कर गए। और आखिरी स्वांस मैं भी इतनी वेदना थी की मैं अपने मुल्क को आज़ाद नही देख पा रहा हूं। और मृत्यु से अभय हो कर वो हस्ते हस्ते हमे ये वतन दे गए आज़ाद करा कर । और अंतिम स्वास मैं कहते है *है मेरी भारत माँ मैं फिर आऊंगा मैं आऊंगा मैं फिर आऊंगा मेरी माँ मैं तुझको आज़ाद करा कर जाऊंगा*। और न हिन्दू न मुसलमान न सिख न इसाई सिर्फ राष्ट्र के लिए न्यूछावर हो गए। और एक हम लोग है जब पूरा देश पूरा विश्व ऐसी विषम परिस्थितियों से झूझ रहा है हम अब भी नही जाग पा रहे । कैसा लगता होगा उन महान क्रांतिकारीयो को की मेरा देश आज अपने अपनो मैं लड़ रहा है। शायद ये उन लोगो नही सोचा होगा। अब भी वक़्त है साथियों जाग जाओ एक हो जाओ और इन क्रान्तिकारियो को अपना आदर्श मानते हुए कुछ देशप्रेम भाव लाऊ। अब हमें गर्दन नही देनी युद्ध नही लड़ने बस एक दूसरे का साथ देना हैं सबको अपना समझना हैं। और करना क्या है बस सामाजिक दूरी बनानी है, मास्क लगाना हैं, व्यायाम करना हैं, औऱ सबसे ज़रूरी सबको अपना मानना हैं। साथियों सच बताना ये करना इतना कठिन हैं क्या । ज़रा याद करो को समय जब हम सब गुलाम थे।और वो चंद लोग ही देश को नई लहर नया जीवन दे गए। तो अब तो कुछ भी नही करना बस अपना भाव स्वच्छ रखना है, ओर हम इससे भी निश्चित विजय पाएंगे।
*जय हिंद*
यह नवनिर्मित स्मारक
दो जिस्म एक जान
पंडित राम प्रसाद बिस्मिल अशफाक उल्ला खान.
हमारे ही खुर्जा नगर में
राष्ट्र वंदना चौक
के नाम से नेहरू पुर चुंगी स्थित है. आप सभी के सहयोग से यह पुनीत कार्य हो पाया है
आपका अपना
पंडित चेतन बिस्मिल
राष्ट्र वंदना मिशन खुर्जा