वकील ठाकुर रन्जीत सिंह भदौरिया ने बिरसा मुंडा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनको नमन करते हुये उनके बलिदान को याद किया और कहा जन्म 1875 के दशक में छोटा नागपुर में मुंडा परिवार में हुआ था । मुंडा एक जनजातीय समाज के आंदोलनकारी समाज सुधारक थे, वह छोटा नागपुर पठार में निवास करते थे । बिरसा जी 1900 में आदिवासी लोगो को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें 2 साल की सजा हो गई ।
रन्जीत सिंह ने कहा 1895 में बिरसा ने अंग्रेजों की लागू की गयी ज़मींदारी प्रथा और राजस्व-व्यवस्था के ख़िलाफ़ लड़ाई के साथ-साथ जंगल-ज़मीन की लड़ाई छेड़ी थी. बिरसा ने सूदखोर महाजनों के ख़िलाफ़ भी जंग का ऐलान किया. ये महाजन, जिन्हें वे दिकू कहते थे, क़र्ज़ के बदले उनकी ज़मीन पर कब्ज़ा कर लेते थे. यह मात्र विद्रोह नहीं था. यह आदिवासी अस्मिता, स्वायतत्ता और संस्कृति को बचाने के लिए संग्राम था.
ऎसे महान क्रान्तिकारी नेता व इनके बलिदान को लोग अपने दिलो मे हमेशा याद करते करेंगे हैI
जन्म: 15 नवंबर 1875, राँची जिला
मृत्यु: 9 जून 1900,